नवरात्रि तीसरा दिन 2025: मां चंद्रघंटा पूजा, रंग

नमस्कार दोस्तों! नवरात्रि का पावन पर्व चल रहा है, और आज हम बात करेंगे नवरात्रि के तीसरे दिन की। नवरात्रि हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है, जिसमें नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना की जाती है। यह त्योहार शक्ति, भक्ति और उत्साह का प्रतीक है। 2025 में शारदीय नवरात्रि 22 सितंबर से शुरू होकर 1 अक्टूबर तक चलेगी, और तीसरा दिन 24 सितंबर 2025 को मनाया जाएगा। आइए जानते हैं इस दिन की देवी, रंग, पूजा का समय, मंत्र और महत्व के बारे में विस्तार से।

नवरात्रि के तीसरे दिन की देवी: मां चंद्रघंटा

नवरात्रि का तीसरा दिन मां चंद्रघंटा को समर्पित है। मां चंद्रघंटा देवी पार्वती का विवाहित रूप हैं, जिन्होंने भगवान शिव से विवाह के बाद अपने माथे पर चंद्रमा की घंटी के आकार का आभूषण धारण किया। इसलिए उन्हें चंद्रघंटा कहा जाता है। वे न्याय और शक्ति की प्रतीक हैं। मां चंद्रघंटा सिंह पर सवार होती हैं, उनकी त्वचा सुनहरी चमक वाली है, तीन नेत्र हैं और दस हाथों में कमल का फूल, कमंडल, जप माला, त्रिशूल, तलवार, गदा, बाण और धनुष जैसे अस्त्र-शस्त्र धारण किए हुए हैं।

मां चंद्रघंटा मनिपुर चक्र की अधिष्ठात्री हैं। उनकी आराधना से भक्तों को धन, सुख, सफलता और अच्छा स्वास्थ्य प्राप्त होता है। उनकी घंटी की ध्वनि नकारात्मक ऊर्जा को दूर करती है और वातावरण को शुद्ध करती है। जो लोग असुरक्षा की भावना से ग्रस्त हैं, वे विशेष रूप से मां चंद्रघंटा की पूजा करें। उनकी कृपा से जीवन में साहस और आत्मविश्वास बढ़ता है।

नवरात्रि के तीसरे दिन का रंग

नवरात्रि में हर दिन एक विशेष रंग से जुड़ा होता है, जो देवी के रूप और ऊर्जा को दर्शाता है। 2025 में नवरात्रि का तीसरा दिन बुधवार को पड़ रहा है, और इस दिन का रंग रॉयल ब्लू है। रॉयल ब्लू शांति, शक्ति और राजसी भावना का प्रतीक है। भक्त इस रंग के कपड़े पहनकर पूजा करते हैं, जिससे देवी की कृपा प्राप्त होती है। आप भी इस दिन रॉयल ब्लू रंग की साड़ी, कुर्ता या अन्य परिधान पहनकर उत्सव मना सकते हैं। यह रंग मां चंद्रघंटा की दिव्य ऊर्जा से जुड़ा है और जीवन में संतुलन लाता है।

नवरात्रि 2025 के तीसरे दिन की पूजा का समय

नवरात्रि के तीसरे दिन की पूजा मुख्य रूप से सुबह के समय की जाती है। 2025 में 24 सितंबर को पूजा का शुभ समय प्रातःकाल से शुरू होता है। सामान्यतः ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4:30 से 6:00 बजे तक) पूजा के लिए सबसे उत्तम माना जाता है, लेकिन आप अपनी सुविधा अनुसार सुबह 6 से 9 बजे के बीच पूजा कर सकते हैं। यदि संभव हो तो पंचांग से स्थानीय शुभ मुहूर्त की जांच करें। पूजा की विधि सरल है, लेकिन भक्ति से की जानी चाहिए।

पूजा की विधि:

  1. सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  2. पूजा स्थल पर मां चंद्रघंटा की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
  3. देशी घी का दीपक जलाएं, माला चढ़ाएं, मिठाई, तिलक और कुमकुम अर्पित करें।
  4. दुर्गा चालीसा और दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।
  5. भोग के रूप में दूध से बनी मिठाई जैसे खीर या अन्य सात्विक व्यंजन चढ़ाएं।
  6. शाम को दुर्गा मां की आरती गाएं।
  7. पूजा समाप्त होने के बाद सात्विक भोजन से व्रत तोड़ें।

ये rituals मां की कृपा प्राप्त करने में मदद करेंगे।

नवरात्रि के तीसरे दिन का मंत्र

मंत्र जाप नवरात्रि पूजा का महत्वपूर्ण हिस्सा है। मां चंद्रघंटा का मुख्य मंत्र है:

ॐ देवी चन्द्रघण्टायै नमः॥

इसे 108 बार जपें। इससे देवी की कृपा प्राप्त होती है और जीवन से बाधाएं दूर होती हैं।

एक और शक्तिशाली मंत्र है:

पिण्डज प्रवरारूढ़ा चण्डकोपास्त्रकैर्युता। प्रसादं तनुते मह्यं चन्द्रघण्टेति विश्रुता॥

इस मंत्र का जाप करते हुए ध्यान लगाएं, इससे मानसिक शांति मिलती है।

निष्कर्ष

नवरात्रि का तीसरा दिन हमें सिखाता है कि जीवन में न्याय और शक्ति का संतुलन कैसे बनाएं। मां चंद्रघंटा की आराधना से हमारी आंतरिक शक्ति जागृत होती है। इस दिन रॉयल ब्लू रंग पहनें, मंत्र जपें और पूजा करें। यदि आप व्रत रख रहे हैं, तो फलाहार पर रहें। नवरात्रि की शुभकामनाएं! जय माता दी!

यदि आपको यह ब्लॉग पसंद आया, तो कमेंट में बताएं और शेयर करें। अगले दिन की जानकारी के लिए बने रहें।

सामान्य प्रश्न

1. तीसरे दिन कौन सी देवी की पूजा होती है?
तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा होती है, जो साहस, शक्ति और शांति की देवी मानी जाती हैं।

2. मां चंद्रघंटा का रंग कौन सा है?
तीसरे दिन मां चंद्रघंटा का रंग पीला माना जाता है।

3. मां चंद्रघंटा का विशेष मंत्र क्या है?
मंत्र: “ॐ चंद्रघंटायै नमः” – इस मंत्र का जप करने से साहस और मानसिक शांति मिलती है।

4. मां चंद्रघंटा की पूजा का महत्व क्या है?
पूजा से भय, नकारात्मक ऊर्जा और कठिनाइयाँ दूर होती हैं। यह साहस, शक्ति और संतुलित जीवन देने वाली देवी हैं।

5. मां चंद्रघंटा के दर्शन या तस्वीर कहां रखें?
पूजा स्थान पर देवी की तस्वीर या मूर्ति को स्वच्छ स्थान पर रखें और दीपक जलाकर पूजा करें।

6. तीसरे दिन विशेष उपाय या उपवास क्या करें?
मांगलिक फल, फूल, दही, सिंदूर और नैवेद्य चढ़ाकर पूजा करें। उपवास रखने से देवी की कृपा जल्दी मिलती है।

Author Profile

Krishna Mishra writes for Insights of Hinduism, where he shares heartfelt thoughts on festivals, traditions, and the timeless wisdom of Sanatan Dharma. His aim is to keep the essence of Hindu culture alive in a way that feels simple, authentic, and relatable to everyone.

Categories:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Posts :-