क्या आपको पता है, अयोध्या दीपोत्सव 2025 में 28 लाख से ज्यादा दीये जगमगाएंगे? भगवान राम की पावन नगरी अयोध्या में हर साल दिवाली से एक दिन पूर्व दीपोत्सव मनाया जाता है, जो न केवल धार्मिक आस्था का, बल्कि सांस्कृतिक कुशलता का प्रतीक बन चुका है। मोदी अयोध्या दीपोत्सव की छवि बढ़ा रहे हैं, जिससे देश-विदेश के लोग आकर्षित हो रहे हैं।
इस वर्ष राम मंदिर बनने के बाद पहली भव्य दीपावली मनाई जाएगी, जो अयोध्या की पहचान को ऐतिहासिक स्तर पर मज़बूत करेगी।
दीपोत्सव अयोध्या 2025 तिथि और समय:
- आरंभ: 17 अक्टूबर 2025
- मुख्य दीपोत्सव: 19 अक्टूबर 2025 (शाम 5 बजे)
- समाप्ति: 23 अक्टूबर 2025
दीपोत्सव और दिवाली का अटूट संबंध है; दिवाली भगवान राम के वापसी दिवस पर मनाई जाती है, उसी की स्मृति में दीपोत्सव है।
अयोध्या दीपोत्सव का ऐतिहासिक-पारंपरिक महत्व
अयोध्या दीपोत्सवभगवान राम के 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटने की याद में मनाया जाता है।
- इस पर्व का आध्यात्मिक संदेश है: “अंधकार पर प्रकाश की विजय।”
- समाजिक एकता और भाईचारे का संदेश पूरी दुनिया तक पहुँचता है।
- दीपोत्सव का महत्व: यह आयोजन न केवल धार्मिक, अपितु भारत की सांस्कृतिक विरासत और एकता का भी प्रमाण है।
मोदी अयोध्या दीपोत्सव 2025
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का “भव्य और दिव्य अयोध्या” विज़न इस बार भी केन्द्र बिंदु होगा।
- 2025 दीपोत्सव में, मोदी “राम मंदिर दिवाली उत्सव” हेतु स्पेशल अतिथि हो सकते हैं।
- पिछली बार की तरह, सुरक्षा, गिनीज रिकॉर्ड बुक की उपस्थिति, और सांस्कृतिक आयोजनों का सीधा प्रसारण प्रमुख रहेगा।
मोदी अयोध्या दीपोत्सव के नेतृत्व में इस आयोजन को वैश्विक स्तर पर पहुँचाया गया है, जिससे इंटरनेशनल मीडिया और विदेशी गणमान्य भी इसमें सम्मिलित होंगे।
राम कथा पार्क – दीपोत्सव का मुख्य स्थल

राम कथा पार्क इस साल दीपोत्सव 2025 का शो-स्टॉपर रहेगा।
- यहाँ पर दिव्य रामरथ, भव्य मंच, LED स्क्रीन, और लेज़र शो होंगे।
- रामलीला की आकर्षक झांकियाँ, रामायण बयानी, भक्ति संगीत, और पुष्प वर्षा का आयोजन होगा।
- राम कथा पार्क अयोध्या में बैठने और प्रवेश की सुव्यवस्थित व्यवस्था है।
- Alt Text: राम कथा पार्क अयोध्या दीपोत्सव में रंग-बिरंगे दीयों से सजा
यह स्थल भक्तों, पर्यटकों के लिए दिव्य, सुखदायक और मनमोहक अनुभव बनाएगा।
राम मंदिर दिवाली समारोह 2025
इस बार “राम मंदिर दिवाली उत्सव” का दृश्य अद्भुत और ऐतिहासिक होगा।
- मंदिर परिसर में स्वर्ण दीयों से सजावट, पुष्प और दीपमालाओं के साथ grand aarti।
- भक्तों की भीड़, श्रद्धा, और अद्भुत प्रकाश से दीप्त पूरा स्थल दिव्य अनुभव देगा।
- सांस्कृतिक कार्यक्रम, भजन संध्या और विशेष पूजन, राम मंदिर दीपावली 2025 की आत्मा होंगे।
यहाँ राम मंदिर दिवाली उत्सव की झलक हर श्रद्धालु के हृदय में अपूरणीय याद बन जाएगी।
दीपोत्सव 2025 में कैसे शामिल हों?
अयोध्या दीपोत्सव यात्रा गाइड:
- हवाई मार्ग: अयोध्या अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा; लखनऊ/वाराणसी से टैक्सी और बसें।
- रेल मार्ग: अयोध्या धाम जंक्शन, नियमित ट्रेनें उपलब्ध।
- सड़क मार्ग: राष्ट्रीय बालक मार्ग, NH-27 (लखनऊ, फैज़ाबाद, गोरखपुर से सीधा संपर्क)।
ठहरने के लिए होटल, धर्मशाला, रिसॉर्ट्स व होम-स्टे उपलब्ध हैं।
यूपी पर्यटन विभाग ने इस बार लखनऊ-अयोध्या यात्रा के विशेष टूर पैकेज भी लॉन्च किए हैं।
सुरक्षा व अनुशासन हेतु प्रशासनिक मजबूत व्यवस्था, मैजिस्ट्रेट ड्यूटी, CCTV, पुलिस व स्वयंसेवकों की टीम पूर्ण चौकसी में रहेंगी।
दीपोत्सव 2025 की मुख्य झलकियाँ
- 56 घाटों पर 28 लाख दीये – नया विश्व रिकॉर्ड
- 1100+ ड्रोन की भव्य एरियल शो और लेज़र लाइटिंग
- 2100 लोगों की महा-आरती, विदेशी सांस्कृतिक दलों की भागीदारी
- सजे-संवरे चौक-चौराहे, थीम बेस्ड आर्ट इंस्टॉलेशन, भव्य पुष्पक विमान
- भव्य आतिशबाज़ी, डिजिटल लाइट शो, फोटो-सेल्फी स्पॉट और कलाकारों की झांकियाँ
दीपोत्सव 2025 हाइलाइट्स: राम की पैड़ी, लक्ष्मण किला घाट, चौधरी चरण सिंह घाट जैसे स्थान प्रमुख रहेंगे।
स्थानीय अनुभव: अयोध्या का इतिहास, व्यंजन और बाजार
अयोध्या दीपोत्सव , जिसे भगवान श्रीराम की जन्मभूमि कहा जाता है, भारत के सबसे प्राचीन और पवित्र नगरों में से एक है। यह नगर सरयू नदी के तट पर बसा हुआ है और इसकी ऐतिहासिक तथा धार्मिक महत्ता अत्यंत गहरी है। वाल्मीकि रामायण और कई पुराणों में अयोध्या दीपोत्सव का उल्लेख एक समृद्ध, शांतिपूर्ण और धर्मनिष्ठ राज्य के रूप में मिलता है। आज भी यहाँ की गलियों में इतिहास की गूंज सुनाई देती है — चाहे वह राम जन्मभूमि मंदिर, हनुमानगढ़ी हो या कनक भवन, हर स्थल भक्ति और आस्था से ओतप्रोत है।
अयोध्या का स्थानीय स्वाद भी उतना ही समृद्ध है जितना इसका इतिहास। यहाँ के खस्ता कचौरी, जलेबी, लड्डू और मलाई पान प्रसिद्ध हैं, जिन्हें स्थानीय लोग और पर्यटक समान रूप से पसंद करते हैं। सरयू घाट के पास सुबह के समय मिलने वाली गर्म पूड़ी और सब्ज़ी की थाली का स्वाद अनोखा अनुभव देता है। इसके अलावा, दीपोत्सव या अन्य त्योहारों के समय यहाँ की मिठाइयों की दुकानों में विशेष रौनक देखने को मिलती है।
अयोध्या के बाजार भी अपनी परंपरा और जीवंतता के लिए जाने जाते हैं। रिकाबगंज बाजार, नयाघाट मार्केट और राम की पैड़ी के आसपास की दुकानें धार्मिक वस्तुओं, पीतल के बर्तनों, दीयों और पूजा सामग्री से सजी रहती हैं। यहाँ से पर्यटक रामनामी दुपट्टे, छोटे मंदिर मॉडल, और सरयू तट की मिट्टी से बने दीपक स्मृति चिन्ह के रूप में खरीदते हैं।
इस तरह अयोध्या केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति, स्वाद और लोकजीवन का जीवंत प्रतीक है। यहाँ का हर अनुभव — चाहे वह मंदिरों की घंटियाँ हों, व्यंजनों की खुशबू या बाजारों की चहल-पहल — आपको भक्ति और परंपरा की गहराई में ले जाता है।
सोशल मीडिया, ट्रेंडिंग और गिनीज रिकॉर्ड
पिछले वर्षों की तरह, “मोदी अयोध्या दीपोत्सव” सोशल मीडिया पर ट्रेंड करेगा।
- गिनीज़ बुक टीम रिकॉर्डिंग के लिए विशेष उपस्थित रहती है।
- #AyodhyaDeepotsav, #RamMandirDiwali जैसे hashtags इंस्टाग्राम, फेसबुक, ट्विटर पर वायरल रहते हैं।
- Youtube व फेसबुक लाइव पर दीपोत्सव लाइव 2025 प्रसारित किया जाएगा।
सरकार और जनता की पहल
“दिव्य अयोध्या, भव्य अयोध्या” मिशन के अंतर्गत स्वच्छता अभियान, पर्यावरण हितैषी दीये, हरियाली और अव्यवस्था रहित प्रबंधन प्राथमिकता में है।
- उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग—विदेशी प्रतिनिधियों को न्योता, सांस्कृतिक सतर पर भारत का उत्थान
- मोदी अयोध्या विकास योजना—नवीन सड़कें, घाट सौंदर्यीकरण, डिजिटल सुविधा
- प्रशासन की गाइडलाइन—VIP सुरक्षा, महिला सहायता, कोविड-अनुकूल प्रबंध।
निष्कर्ष
अयोध्या दीपोत्सव 2025 एकता, श्रद्धा और संस्कृति का द्योतक है।
भगवान राम के आदर्शों से प्रेरित मोदी अयोध्या दीपोत्सव के माध्यम से राम मंदिर दिवाली उत्सव न केवल धार्मिक परंपरा, बल्कि सामाजिक नवचेतना, तकनीकी क्रांति और वैश्विक पहचान को नई ऊँचाई देगा।
इस आयोजन में सम्मिलित होकर हर भक्त और पर्यटक खुद को धन्य मानेंगे।
FAQs
Q1. अयोध्या दीपोत्सव 2025 कब है?
17-23 अक्टूबर 2025; मुख्य दीप प्रज्वलन–19 अक्टूबर को शाम 5 बजे।
Q2. अयोध्या दीपोत्सव का प्रमुख स्थल कौन-सा है?
राम कथा पार्क, राम की पैड़ी, सरयू घाट, लक्ष्मण किला घाट।
Q3. क्या मोदी अयोध्या दीपोत्सव में शामिल होंगे?
प्रधानमंत्री मोदी मुख्य कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में सम्मिलित हो सकते हैं।
Q4. अयोध्या दीपोत्सव में कितने दीये जलेंगे?
28 लाख दीयों से नया विश्व रिकॉर्ड बनेगा।
Q5. राम मंदिर में दिवाली उत्सव के क्या कार्यक्रम होंगे?
विशेष आरती, पुष्प सजावट, लेज़र शो, भजन संध्या।
6. धनतेरस पर दीपदान क्यों किया जाता है?
धनतेरस की रात यमराज के नाम से दक्षिण दिशा में दीपदान किया जाता है ताकि परिवार में अकाल मृत्यु का भय दूर रहे और घर में सुख-शांति बनी रहे।
Krishna Mishra writes for Insights of Hinduism, where he shares heartfelt thoughts on festivals, traditions, and the timeless wisdom of Sanatan Dharma. His aim is to keep the essence of Hindu culture alive in a way that feels simple, authentic, and relatable to everyone.
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