करवा चौथ भारत के प्रमुख व्रतों और त्योहारों में से एक है, जो विशेष रूप से विवाहित महिलाओं द्वारा मनाया जाता है। यह पर्व न केवल पति-पत्नी के रिश्ते को और अधिक मजबूत बनाता है, बल्कि इसमें छुपी हुई श्रद्धा, प्रेम, समर्पण और विश्वास की भावना इसे और भी विशेष बनाती है। यह पर्व विशेषकर उत्तर भारत—जैसे पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली आदि राज्यों में बड़े उत्साह और भक्ति भाव से मनाया जाता है।
इस दिन विवाहित महिलाएँ सूर्योदय से लेकर चंद्रमा के दर्शन तक निर्जला व्रत रखती हैं, यानी वे दिनभर जल और अन्न का त्याग करती हैं। यह व्रत वे अपने पति की लंबी आयु, उत्तम स्वास्थ्य, सुख-समृद्धि और दांपत्य जीवन की खुशहाली के लिए करती हैं। वहीं कुछ अविवाहित कन्याएँ भी इस व्रत को भविष्य में अच्छे वर की प्राप्ति की कामना से रखती हैं।
करवा चौथ 2025 कब है?
वर्ष 2025 में करवा चौथ का पर्व शुक्रवार, 10 अक्टूबर 2025 को मनाया जाएगा। यह दिन विवाहित महिलाओं के लिए बेहद खास होगा क्योंकि पूरा दिन चाँद के इंतजार और पूजा-अर्चना में बीतेगा।
तिथि: शुक्रवार, 10 अक्टूबर 2025करवा चौथ पूजा मुहूर्त: शाम 05:45 बजे से 07:01 बजे तकचंद्रोदय का समय: रात 08:17 बजे लगभगचतुर्थी तिथि प्रारंभ: 10 अक्टूबर, सुबह 03:54 बजेचतुर्थी तिथि समाप्त: 11 अक्टूबर, सुबह 01:28 बजे
करवा चौथ की तिथि हर साल बदलती रहती है क्योंकि यह हिंदू पंचांग (लूनर कैलेंडर) पर आधारित है। यह व्रत कार्तिक माह की पूर्णिमा के बाद चौथी तिथि (चतुर्थी) को रखा जाता है।
करवा चौथ का महत्व
करवा चौथ केवल व्रत नहीं बल्कि दांपत्य जीवन के पवित्र रिश्ते का उत्सव है। यह व्रत पत्नी के अटूट प्रेम और पति के जीवन की मंगलकामना का प्रतीक है। “करवा” का अर्थ होता है मिट्टी का घड़ा (जिससे जल अर्पित किया जाता है) और “चौथ” का अर्थ है चौथी तिथि।
आज के समय में इस व्रत का स्वरूप और भी बदल गया है। अब कई पति भी अपनी पत्नियों के साथ व्रत रखते हैं ताकि प्रेम और समानता का संदेश दिया जा सके। यह दिन अब केवल स्त्रियों के त्याग का प्रतीक न होकर पति-पत्नी दोनों के रिश्ते को मजबूत करने वाला पर्व बन चुका है।
करवा चौथ 2025 के व्रत और परंपराएँ
1. सरगी – पूर्व भोर का भोजन
व्रत की शुरुआत सरगी से होती है। यह विशेष भोजन सास अपनी बहू को भोर से पहले देती है। इसमें फल, मिठाइयाँ, सूखे मेवे और अन्य ऊर्जा देने वाले खाद्य पदार्थ शामिल होते हैं। यह भोजन केवल शरीर को ऊर्जा देने के लिए नहीं बल्कि सास के आशीर्वाद और स्नेह का प्रतीक भी होता है।
2. निर्जला व्रत
सरगी के बाद महिलाएँ सूर्योदय से लेकर चंद्रमा के उदय तक निर्जला उपवास करती हैं। यानी वे न तो अन्न खाती हैं और न ही पानी पीती हैं। यह कठिन व्रत पत्नी के संकल्प, त्याग और समर्पण का प्रतीक माना जाता है।
3. शाम की पूजा और कथा
शाम के समय महिलाएँ सजी-धजी पारंपरिक वेशभूषा में पूजा करती हैं। इस दौरान वे करवा चौथ की कथा सुनती हैं और अपने करवे (मिट्टी के घड़े) का आदान-प्रदान करती हैं। यह परंपरा स्त्रियों के बीच एकता और सौहार्द्र का प्रतीक है।
4. चंद्रमा उदय और व्रत खोलना
रात को चाँद निकलने पर महिलाएँ छलनी (चलनी) से चाँद को देखती हैं और फिर उसी छलनी से पति का चेहरा देखती हैं। इसके बाद पति पत्नी को पहला जल पिलाते हैं और भोजन कराते हैं। यह पल पूरे दिन की सबसे भावुक और प्रतीक्षित घड़ी होती है।
करवा चौथ की कथा
करवा चौथ का महत्व तब और बढ़ जाता है जब इसकी कथा सुनी जाती है।
सबसे प्रसिद्ध कथा रानी वीरवती की है। वीरवती सात भाइयों की इकलौती बहन थी। विवाह के बाद जब उसने पहला करवा चौथ व्रत रखा तो उपवास सहन न कर सकी। भाइयों ने उसकी हालत देखकर उसे धोखे से व्रत खोलने के लिए चाँद का झूठा भ्रम दिखा दिया। जैसे ही उसने व्रत तोड़ा, उसे पति की बीमारी का समाचार मिला।
गुस्साई देवी पार्वती ने वीरवती को बताया कि उसके भाइयों ने छल किया है। देवी ने सलाह दी कि वह पूरे मन और श्रद्धा से व्रत दोबारा करे। वीरवती ने वैसा ही किया और उसके पति का जीवन वापस मिल गया।
करवा चौथ कथा (संक्षेप में):
“एक साहूकार की सात बेटे और एक बेटी थी। बेटी वीरवती ने करवा चौथ का व्रत रखा। भूख-प्यास से व्याकुल होकर उसने भाइयों के छल से नकली चाँद देखकर व्रत खोल लिया। परिणामस्वरूप उसके पति बीमार हो गए। बाद में देवी पार्वती की सलाह पर वीरवती ने पूरे मन से व्रत किया और अपने पति का जीवन पुनः पाया।”
हैप्पी करवा चौथ शुभकामनाएँ और संदेश
- 🌙 “आपका व्रत आपके पति के जीवन को लंबा और सुखी बनाए। हैप्पी करवा चौथ!”
- 💕 “करवा चौथ पर आपके वैवाहिक जीवन में सदैव प्यार और खुशियाँ बनी रहें।”
- 🙏 “इस पावन अवसर पर आपके दांपत्य जीवन में सुख-समृद्धि और आनंद की वर्षा हो।”
सोशल मीडिया कैप्शन:
- “Fasting and feasting for the one I love ❤️ #KarwaChauth2025”
- “Love, laughter, and waiting for the moon 🌙 #HappyKarwaChauth”
- “To the moon and back 💕 #KarwaChauth2025”
भारतभर में करवा चौथ का उत्सव
करवा चौथ मुख्य रूप से उत्तर भारत का त्यौहार है लेकिन इसकी धूम पूरे देश में देखने को मिलती है।
- पंजाब: महिलाएँ बड़ी संख्या में इकट्ठा होकर सामूहिक पूजा करती हैं।
- राजस्थान: महिलाएँ सुंदर मिट्टी के करवे बनाकर उनका आदान-प्रदान करती हैं।
- शहरी क्षेत्र: अब इसे आधुनिक अंदाज़ में थीम पार्टियों और गेट-टुगेदर के साथ मनाया जाने लगा है।
प्रेम और विश्वास का पर्व
करवा चौथ 2025 एक बार फिर पति-पत्नी के बीच के गहरे प्रेम और विश्वास का प्रतीक बनेगा। यह पर्व हमें त्याग, समर्पण और अटूट विश्वास की ताकत का अहसास कराता है। चाहे पारंपरिक ढंग से मनाया जाए या आधुनिक रूप में, इसकी आत्मा हमेशा वैवाहिक रिश्ते की पवित्रता और मजबूती को दर्शाती है।
करवा चौथ से जुड़े सामान्य प्रश्न
Q1. करवा चौथ 2025 कब है?
➡ करवा चौथ 2025, 9 अक्टूबर (गुरुवार) को मनाया जाएगा।
Q2. करवा चौथ व्रत किसके लिए किया जाता है?
➡ यह व्रत विवाहित स्त्रियाँ अपने पति की लंबी उम्र, अच्छे स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि के लिए करती हैं।
Q3. करवा चौथ का व्रत कब से कब तक रहता है?
➡ यह व्रत सूर्योदय से लेकर रात को चंद्रमा के दर्शन कर अर्घ्य देने तक रखा जाता है।
Q4. करवा चौथ की पूजा में किन वस्तुओं की आवश्यकता होती है?
➡ करवा (मिट्टी/पीतल का कलश), दीपक, छलनी, थाली, सिंदूर, चूड़ियाँ, श्रृंगार सामग्री, मिठाई, नारियल और गेहूं आदि पूजा सामग्री में शामिल होती हैं।
Q5. करवा चौथ पर सरगी क्या होती है?
➡ “सरगी” सुबह सूर्योदय से पहले सास द्वारा बहू को दी जाने वाली विशेष थाली होती है, जिसमें फल, मिठाई और खाने की चीज़ें होती हैं। इसे खाकर ही बहू व्रत शुरू करती है।
Q6. क्या व्रत के दौरान पानी पी सकते हैं?
➡ परंपरागत रूप से यह निर्जला व्रत होता है, लेकिन स्वास्थ्य कारणों से कई महिलाएँ केवल पानी या फलाहार लेकर भी व्रत करती हैं।
Q7. चंद्रमा को अर्घ्य देने का महत्व क्या है?
➡ करवा चौथ पर चंद्रमा को भगवान शिव का रूप माना जाता है और उसे अर्घ्य देकर पति के दीर्घायु और वैवाहिक सुख की कामना की जाती है।
Krishna Mishra writes for Insights of Hinduism, where he shares heartfelt thoughts on festivals, traditions, and the timeless wisdom of Sanatan Dharma. His aim is to keep the essence of Hindu culture alive in a way that feels simple, authentic, and relatable to everyone.
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