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Sankashti Ganesh Chaturthi – Important Date & Timings
Moonrise on Sankashti Day – 10:34 PM
Chaturthi Tithi Begins – 01:23 AM on Jun 25, 2024
Chaturthi Tithi Ends – 11:10 PM on Jun 25, 2024
Sankashti Ganesh Chaturthi- June 2024 Significance
हिन्दु पञ्चाङ्ग के अनुसार, आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की Sankashti Ganesh Chaturthi के रूप में मनाया जाता है। Sankashti Ganesh Chaturthi के दिन Ganesh ji के गजानन एकदन्त रूप की पूजा-अर्चना की जाती है। इस दिन गणपति भगवान का पूजन करने से व्यक्ति जीवन की प्रत्येक दिशा में सफलता अर्जित करता है। संकष्टी तिथि गणेश जी की आराधना करने के लिये सर्वश्रेष्ठ अवसर माना जाता है। Sankashti Ganesh Chaturthi के दिन भगवान Ganesh ji का भक्तिपूर्वक पाठ करने से जीवन में आने वाले समस्त प्रकार के विघ्न एवं व्यवधान नष्ट हो जाते हैं। संकष्टी व्रत में चन्द्रोदयव्यापिनी चतुर्थी स्वीकार की जाती है। इस श्री Ganesh ji की षोडशोपचार पूजा की जाती है।
हिन्दु कैलेण्डर के अनुसार, माघ माह की Sankashti Ganesh Chaturthi सकट चौथ के रूप में अत्यन्त हर्षोल्लास से मनाया जाता है। इसके अतिरिक्त Shri Ganesh ji के भक्त भाद्रपद माह की विनायक चतुर्थी को गजानन भगवान Shri Ganesh ji के जन्म महोत्सव के रूप में अत्यधिक धूम-धाम से मानते हैं, यह जन्मोत्सव Ganesh Chaturthi नाम से जाना जाता है।
Sankashti Ganesh Chaturthi Vrat Katha
एक समय की बात है कि भगवान Vishnu का विवाह Laxmi जी के साथ निश्चित हो गया। सभी देवताओं को निमंत्रण भेजे गए, परंतु Ganesh ji को निमंत्रण नहीं दिया, अब भगवान Vishnu की बारात जाने का समय आ गया। सभी देवता समारोह में आए। उन सबने देखा कि Ganesh ji कहीं दिखाई नहीं दे रहे हैं। तब वे आपस में चर्चा करने लगे कि क्या Ganesh ji को न्योता नहीं गया है ? तभी सबने विचार किया कि भगवान Vishnu से ही इसका कारण पूछा जाए|
Vishnu भगवान से पूछने पर उन्होंने कहा कि हमने Ganesh ji के पिता भोलेनाथ Mahadev को न्योता भेजा है। यदि Ganesh ji अपने पिता के साथ आना चाहते तो आ जाते, अलग से न्योता देने की कोई आवश्यकता भी नहीं थीं। दूसरी बात यह है कि उनको सवा मन मूंग, सवा मन चावल, सवा मन घी और सवा मन लड्डू का भोजन दिनभर में चाहिए। यदि Ganesh ji नहीं आएंगे तो कोई बात नहीं। दूसरे के घर जाकर इतना सारा खाना-पीना अच्छा भी नहीं लगता।
इतनी वार्ता कर ही रहे थे कि किसी एक ने सुझाव दिया- यदि Ganesh ji आ भी जाएं तो चूहे पर बैठकर धीरे-धीरे चलोगे तो बारात से बहुत पीछे रह जाओगे। यह सुझाव भी सबको पसंद आ गया, तो Vishnu भगवान ने भी अपनी सहमति दे दी।
होना क्या था कि इतने में Ganesh ji वहां आ पहुंचे और उन्हें समझा-बुझाकर घर की रखवाली करने बैठा दिया। बारात चल दी, तब नारदजी ने देखा कि Ganesh ji तो दरवाजे पर ही बैठे हुए हैं, तो वे Ganesh ji के पास गए और रुकने का कारण पूछा। कहने लगे कि Vishnu भगवान ने मेरा बहुत अपमान किया है।
नारदजी ने कहा कि आप अपनी मूषक सेना को आगे भेज दें, तो वह रास्ता खोद देगी जिससे उनके वाहन धरती में धंस जाएंगे, तब आपको सम्मानपूर्वक बुलाना पड़ेगा। अब तो गणेशजी ने अपनी मूषक सेना जल्दी से आगे भेज दी और सेना ने जमीन पोली कर दी। जब बारात वहां से निकली तो रथों के पहिए धरती में धंस गए। लाख कोशिश करें, परंतु पहिए नहीं निकले। सभी ने अपने-अपने उपाय किए, परंतु पहिए तो नहीं निकले, बल्कि जगह-जगह से टूट गए।
तब तो नारदजी ने कहा- आप लोगों ने गणेशजी का अपमान करके अच्छा नहीं किया। यदि उन्हें मनाकर लाया जाए तो आपका कार्य सिद्ध हो सकता है और यह संकट टल सकता है। शंकर भगवान ने अपने दूत नंदी को भेजा और वे गणेशजी को लेकर आए। गणेशजी का आदर-सम्मान के साथ पूजन किया, तब कहीं रथ के पहिए निकले। अब रथ के पहिए निकल को गए, परंतु वे टूट-फूट गए, तो उन्हें सुधारे कौन?
पास के खेत में खाती काम कर रहा था, उसे बुलाया गया। खाती अपना कार्य करने के पहले ‘श्री गणेशाय नम:’ कहकर गणेशजी की वंदना मन ही मन करने लगा। देखते ही देखते खाती ने सभी पहियों को ठीक कर दिया।
वह खाती कहने लगा कि हे देवताओं! आपने सर्वप्रथम गणेशजी को नहीं मनाया होगा और न ही उनकी पूजन की होगी इसीलिए तो आपके साथ यह संकट आया है। हम तो मूरख अज्ञानी हैं, फिर भी पहले गणेशजी को पूजते हैं, उनका ध्यान करते हैं। आप लोग तो देवतागण हैं, फिर भी आप गणेशजी को कैसे भूल गए? अब आप लोग भगवान श्री Ganesh Ji की जय बोलकर जाएं, तो आपके सब काम बन जाएंगे और कोई संकट भी नहीं आएगा।
ऐसा कहते हुए बारात वहां से चल दी और विष्णु भगवान का Laxmi Ji के साथ विवाह संपन्न कराके सभी सकुशल घर लौट आए। हे Ganesh Ji महाराज! आपने Vishnu को जैसो कारज सारियो, ऐसो कारज सबको सिद्ध करजो। बोलो गजानन भगवान की जय।
Key takeaways
- Sankashti Ganesh Chaturthi is a significant Hindu festival celebrated in the Hindu month of Ashadha on the Shukla Paksha. It involves worshipping Lord Ganesha for success and the removal of obstacles.
- The festival has specific timings, including the moonrise on Sankashti day and the beginning and end of the Chaturthi Tithi.
- The Vrat Katha associated with Sankashti Ganesh Chaturthi narrates a story where Lord Vishnu’s wedding procession faces obstacles due to not inviting Lord Ganesha. Upon rectification and worship, the obstacles are resolved.
Summary
The webpage provides information about Sankashti Ganesh Chaturthi in 2024, detailing the festival’s significance, auspicious timings, and the story behind the Vrat Katha associated with the festival. It highlights the importance of worshipping Lord Ganesha for blessings and the removal of hurdles in life.
Shuchi Pandey is a distinguished author and scholar with a profound expertise in Hinduism with a leading voice in the study and interpretation of Hindu philosophy, rituals, and cultural traditions. She aims to bridge the gap between academic rigor and engaging storytelling by exploring the depths of Hindu thought, from the ancient Vedas to contemporary practices.