शनि अमावस्या हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष शनि देव की उपासना का एक महत्वपूर्ण दिन होता है। यह दिन विशेष रूप से उन लोगों के लिए शुभ माना जाता है जिनकी कुंडली में शनि की स्थितियाँ प्रतिकूल या कमजोर होती हैं। शनि अमावस्या पर शनि देव की पूजा से व्यक्ति के जीवन में शांति, समृद्धि और मानसिक शांति की प्राप्ति होती है। इस दिन विशेष तंत्र-मंत्र और उपायों द्वारा शनि देव की कृपा प्राप्त करने के उपाय किए जाते हैं, जो जीवन में समस्याओं को दूर कर, शनि के दुष्प्रभाव से बचाते हैं।
शनि देव का महत्व

हिंदू धर्म में शनि देव को न्याय के देवता के रूप में पूजा जाता है। वह कर्मों के अनुसार फल देने वाले देवता माने जाते हैं। शनि का संबंध व्यक्ति के कर्मों से है, यानी जो व्यक्ति जैसा कर्म करता है, उसे शनि उसी के अनुसार फल देते हैं। शनि अमावस्या के दिन शनि देव की उपासना से उन सभी व्यक्तियों को विशेष लाभ मिलता है, जिनकी कुंडली में शनि की स्थिति कमजोर होती है या जो शनि की महादशा या दशा से गुजर रहे होते हैं।
शनि अमावस्या पर शनि देव की पूजा विधि
शनि अमावस्या के दिन शनि देव की पूजा करने से पहले कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए।
- स्नान और शुद्धता
पूजा से पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें। पूजा के स्थान को भी स्वच्छ रखें। यह शुद्धता पूजा की सफलता में अहम भूमिका निभाती है। - शनि देव की प्रतिमा का पूजन
शनि देव की प्रतिमा या चित्र को एक साफ स्थान पर रखें। ध्यान रखें कि शनि देव की प्रतिमा का आकार छोटा या मध्यम हो। - दीपक और अगरबत्ती
पूजा स्थल पर दीपक और अगरबत्ती जलाएं। इससे वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। - शनि मंत्रों का उच्चारण
शनि अमावस्या के दिन विशेष मंत्रों का उच्चारण करना बेहद प्रभावी होता है। “ॐ शं शनिश्चराय नमः” इस मंत्र का जाप करने से शनि देव की कृपा प्राप्त होती है। - शनि के पौधे की पूजा
शनि अमावस्या के दिन शनि के पौधे, जैसे नीम, पीपल या घी का दीपक जलाना भी शुभ माना जाता है। इससे शनि के दुष्प्रभाव को कम किया जा सकता है। - सवा तेल और काले तिल का प्रयोग
पूजा के दौरान सवा तेल और काले तिल का दान करना विशेष रूप से लाभकारी होता है। शनि के दुष्प्रभाव से बचने के लिए काले तिल का सेवन और सवा तेल का दान किया जाता है। - काले वस्त्र पहनना
शनि देव का रंग काला है, इसलिए शनि अमावस्या पर काले वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है। यह शनि देव की उपासना में सहायक होता है।
शनि देव की उपासना के विशेष उपाय
शनि अमावस्या पर शनि देव की उपासना के कई तंत्र-मंत्र और उपाय किए जाते हैं। यह उपाय जीवन में शांति, सफलता और समृद्धि की प्राप्ति के लिए बेहद प्रभावी माने जाते हैं। आइए जानें कुछ खास उपाय:
1. शनि के मंत्रों का जाप
शनि देव के विशेष मंत्रों का जाप करने से शनि के प्रभाव से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-शांति आती है। इस दिन “ॐ शं शनिश्चराय नमः” और “ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम: “ मंत्र का 108 बार जाप करें।
2. काले तिल और काले चने का दान
शनि अमावस्या पर काले तिल और काले चने का दान करना अत्यधिक शुभ होता है। यह दान शनि देव को प्रसन्न करता है और शनि के दुष्प्रभाव को कम करता है। इसके अलावा काले तिल का सेवन भी शनि देव की कृपा प्राप्त करने में सहायक है।
3. व्रत और उपवासी रहना
इस दिन विशेष रूप से शनि अमावस्या के उपवास का महत्व है। उपवासी रहकर इस दिन शनि देव की उपासना करने से पापों का नाश होता है और जीवन में खुशहाली आती है।
4. नीलम रत्न का धारण
यदि आपकी कुंडली में शनि के दोष हैं और शनि की स्थिति कमजोर है, तो आप नीलम रत्न धारण कर सकते हैं। यह रत्न शनि देव की कृपा प्राप्त करने में सहायक होता है। नीलम रत्न को शनि अमावस्या के दिन विशेष रूप से धारण करना लाभकारी होता है।
5. तांबे के सिक्के का दान
शनि अमावस्या के दिन तांबे के सिक्के का दान करना भी शनि देव की कृपा प्राप्त करने के लिए एक महत्वपूर्ण उपाय है। इस दान से शनि के दुष्प्रभाव से मुक्ति मिलती है।
6. पीपल के वृक्ष की पूजा
शनि अमावस्या के दिन पीपल के वृक्ष की पूजा करना शनि दोष से मुक्ति का एक कारगर उपाय है। इस दिन पीपल के वृक्ष के नीचे दीपक लगाना और उसकी पूजा करना शनि देव की कृपा प्राप्त करने के लिए बहुत प्रभावशाली है।
7. सवा तेल का दान
शनि अमावस्या पर सवा तेल का दान करने से शनि देव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इस दिन सवा तेल का दान करके शनि के प्रतिकूल प्रभाव को समाप्त किया जा सकता है।
शनि अमावस्या पर शनि देव की उपासना का फल
शनि अमावस्या पर शनि देव की उपासना करने से निम्नलिखित लाभ हो सकते हैं:
- दूसरों द्वारा दिए गए कष्टों से मुक्ति
शनि की दशा में व्यक्ति को जीवन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, लेकिन शनि अमावस्या पर की गई उपासना से यह कष्ट कम हो सकता है और मानसिक शांति मिलती है। - धन और समृद्धि की प्राप्ति
शनि देव के आशीर्वाद से व्यक्ति की आर्थिक स्थिति में सुधार आ सकता है और समृद्धि का मार्ग प्रशस्त होता है। - शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार
शनि की उपासना से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में भी सुधार आता है। यह उपाय जीवन में खुशहाली और शांति लाते हैं। - कुंडली दोषों से मुक्ति
शनि अमावस्या पर शनि देव की पूजा से शनि के कुंडली में स्थित दोषों का निवारण होता है और जीवन में सकारात्मक बदलाव आता है।
निष्कर्ष
शनि अमावस्या एक विशेष दिन होता है, जब शनि देव की पूजा और उपासना से जीवन के संकटों का समाधान हो सकता है। यह दिन शनि के दुष्प्रभाव को समाप्त करने और उनके आशीर्वाद से जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता प्राप्त करने का आदर्श समय होता है। यदि आप इस दिन शुद्ध भाव से शनि देव की पूजा करते हैं और तंत्र-मंत्र और उपायों का पालन करते हैं, तो निश्चित रूप से आपके जीवन में शुभ फल की प्राप्ति होगी।
शनि अमावस्या पर शनि देव की उपासना:FAQ
1. शनि अमावस्या क्या है?
- शनि अमावस्या, हिन्दू पंचांग के अनुसार वह विशेष दिन होता है जब अमावस्या (नई चाँद की रात) को शनि देव की पूजा और उपासना की जाती है। यह दिन शनि के प्रभाव को समझने और उनसे जुड़े उपायों को करने के लिए आदर्श माना जाता है। शनि अमावस्या का महत्व विशेष रूप से उन व्यक्तियों के लिए है जिनकी कुंडली में शनि की स्थिति कमजोर या प्रतिकूल हो।
2. शनि देव की उपासना से किस तरह के लाभ होते हैं?
- शनि देव की उपासना से जीवन में शांति, समृद्धि और मानसिक शांति की प्राप्ति होती है। यह विशेष रूप से शनि के दुष्प्रभाव से बचाव करने, परेशानियों से मुक्ति पाने, और व्यक्तिगत और आर्थिक समृद्धि प्राप्त करने के लिए कारगर उपाय मानी जाती है।
3. शनि अमावस्या पर किस प्रकार की पूजा करनी चाहिए?
- शनि अमावस्या पर शनि देव की पूजा विधि में शामिल हैं:
- स्नान और शुद्धता: पूजा से पहले शुद्ध स्नान करें।
- शनि देव की प्रतिमा या चित्र की पूजा: शनि देव की प्रतिमा या चित्र को साफ स्थान पर रखें।
- शनि मंत्रों का जाप: “ॐ शं शनिश्चराय नमः” और “ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:” का जाप करें।
- काले तिल और काले चने का दान: यह शनि के प्रभाव को कम करने के लिए किया जाता है।
- दीपक और अगरबत्ती: पूजा स्थल पर दीपक और अगरबत्ती जलाएं।
4. शनि अमावस्या के दिन कौन से खास उपाय किए जाते हैं?
- शनि अमावस्या के दिन किए जाने वाले उपायों में शामिल हैं:
- तांबे के सिक्के का दान: यह शनि के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए किया जाता है।
- सवा तेल और काले तिल का दान: शनि की पूजा के दौरान यह उपाय किए जाते हैं।
- नीलम रत्न का धारण: यदि शनि की स्थिति कमजोर हो तो नीलम रत्न धारण किया जा सकता है।
- पीपल वृक्ष की पूजा: पीपल के वृक्ष के नीचे दीपक लगाना और पूजा करना लाभकारी होता है।
- व्रत रखना: इस दिन विशेष उपवास रखकर पूजा करने से शनि देव की कृपा प्राप्त होती है।
5. क्या शनि अमावस्या पर व्रत रखना जरूरी है?
- शनि अमावस्या पर व्रत रखना अनिवार्य नहीं है, लेकिन यदि आप शनि देव की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो व्रत रखना और दिनभर उपवास करना अत्यधिक लाभकारी माना जाता है। उपवास से शुद्धता आती है और शनि देव को प्रसन्न किया जाता है।
Krishna Mishra writes for Insights of Hinduism, where he shares heartfelt thoughts on festivals, traditions, and the timeless wisdom of Sanatan Dharma. His aim is to keep the essence of Hindu culture alive in a way that feels simple, authentic, and relatable to everyone.

